रचनाकार का आधिकारिक उद्घाटन 1 जनवरी 2021 को हुआ था, और केवल चार वर्षों की अल्प अवधि में इसने वैश्विक स्तर पर उल्लेखनीय पहचान प्राप्त कर ली है।
हमारा संगठन नवोदित रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है, उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर और मंच प्रदान करता है।
इसके साथ ही, हम संस्कृति, कला और साहित्य के क्षेत्र में स्थापित व्यक्तित्वों के योगदान को सम्मानित करते हैं तथा नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहन और समर्थन भी प्रदान करते हैं।

हमारी सांस्कृतिक गतिविधियाँ विविध और व्यापक हैं, जिनमें होली, दीवाली और स्वतंत्रता दिवस जैसे विभिन्न त्योहारों एवं राष्ट्रीय पर्वों को सम्मिलित किया जाता है।
हम पारंपरिक साहित्यिक रूपों के संरक्षण हेतु कार्यशालाएँ और प्रतियोगिताएँ आयोजित करते हैं, साथ ही प्रत्येक माह काव्य संगोष्ठियों का आयोजन भी करते हैं, जिनमें “दुर्गावती चौधरी स्मृति काव्य संगोष्ठी” विशेष रूप से प्रतिष्ठित है।
इसके अतिरिक्त, हम हर सप्ताह आध्यात्मिकता और धर्म पर संवाद सत्र आयोजित करते हैं, जिनका नेतृत्व हमारे संस्थापक श्री सुरेश चौधरी और अन्य विशेषज्ञ करते हैं।
रचनाकार युवा पीढ़ी के बीच कला, साहित्य और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
हम कार्यशालाओं, शैक्षणिक कार्यक्रमों एवं इंटरऐक्टिव सत्रों के माध्यम से नई पीढ़ी को इन क्षेत्रों से जोड़ने का प्रयास करते हैं, ताकि उनमें इन विधाओं के प्रति गहरी समझ और सम्मान विकसित हो सके तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए इनका संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
हमारे प्रयासों का उद्देश्य है कि हम भविष्य के कलाकारों, लेखकों और सांस्कृतिक दूतों को प्रेरित करें और उनके भीतर की प्रतिभा को संवारे व संजोएँ।